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Saturday, January 8, 2011
एक मुक्तक; भीमदर्शन रोका
एक मुक्तक
आकाशको सब तारा गनिसकेपछि
प्रत्येक श्वास सुस्केरा बनिसकेपछि
के रह्यो अब मेरो मसँग प्रियतम ?
तिमीलाई आफ्नो भनिसकेपछि ।
भीमदर्शन रोका
नेपाली कविता डट कम
बाट
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